जैसा इन्तजाम वैसा अंजाम
-रजत डेकाटे द्वारा
क्या हुआ जो तुम हुए विफल!
यह तोह है तुम्हारी ही मेहनत का फल !
विफल होने पर क्यों करना गम!
जब मेहनत किया था तुम्ही ने काम !
सीधी सी है बात;
नहीं हुआ तुम्हे तुम्हारा लक्ष्य प्राप्त!
क्योंकि मेहनत नहीं थी तुम्हारी पर्याप्त !
आया है अन्जाम; जैसा था तुम्हारा इंतजाम;
बड़ा करो इंतजाम; जरूर अच्छा आएगा अंजाम !
अपनी असफलता पर न दो किसी और को दोष जगाओ खुदमे जोष;
अब बहनो से नहीं म्हणत पूर्ण सफलता से करदो सबको
खामोश !!
यदि हम गलतिया खुदसे बहार ढूँढेंगे तोह हम खुदको कभी भी नहीं उठा पाएंगे इसलिए गलतिया हमे खुदमे ढूँढना है और उसे ठीक करना है.
जब भी आप विफल होजाये या आपको आपका लक्ष्य प्राप्त न हो तोह यह कविता खुदसे कहे.
इसे सेव करके रख लीजिए कभी भी खुदको आश्वासहान दिलाने के लिए यह आपके बोहत काम आएगा
तोह आपको यह कविता कैसी लगी कमेंट सेक्शन में जरुर बताये. और आपके लिए ऐसे ही सुन्दर सुन्दर कविताय लिकने के लिए हमें प्रेरित करे.
Heyy Bhagwan 💖🙏💝
ReplyDeleteAisi kavita hai maano sakchat maa saraswati ne hum baccho ke liye likhi ho
❣️❣️❣️💯💯💯 very very very nice poem rajat sir 🤩🤩🤩🤩🥰🥰🥰🥰💖💖💖💖
ReplyDeleteReally these are magical words and absolutely you are the magician of words my bro really you made a lot of efforts for your audience and this is the ever best way doing by you A lot of love to you legendary writer you're the best writer ever 😍🥰🤩😻
Bahut bdhiyaaa👍😌
ReplyDelete💯👊 fact brother
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